ट्रिब्यूनल ने खारिज कर दी कांग्रेस की अपील, दान में मिले 199 करोड़ रुपये पर देना होगा टैक्स

कांग्रेस पार्टी को इनकम टैक्स के एक मामले राहत नहीं मिली है. आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने 2017-18 के एक टैक्स छूट मामले में पार्टी की अपील को खारिज कर दी है. आयकर न्यायाधिकरण ने टैक्स अधिकारियों के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि पार्टी को उस वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त दान पर आयकर देना होगा.
कांग्रेस को देना होगा टैक्स!
दरअसल, कांग्रेस पार्टी को साल 2017-18 के दौरान दान (Donation) के तौर पर मिले करीब 199 करोड़ रुपये पर टैक्स भुगतान के लिए आयकर विभाग का नोटिस मिला था, जिसका पार्टी ने विरोध किया था. कांग्रेस का कहना है कि करीब 199 करोड़ रुपये दान के तौर पर मिले थे, और वो करमुक्त होना चाहिए, फिर टैक्स की मांग गलत है. आईटीएटी ने कहा, “2.02.2019 को दाखिल किया गया करदाता का रिटर्न, छूट के लिए पात्र बनाने हेतु निर्धारित तिथि के भीतर नहीं है।” कांग्रेस ने 31 दिसंबर, 2018 की निर्धारित तिथि से काफी पहले 2 फरवरी, 2019 को अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया था और शून्य आय घोषित की थी। साथ ही, उसने 199.15 करोड़ रुपये की कर छूट का दावा भी किया था।
ट्रिब्यूनल ने क्यों खारिज कर दी अपील?
लेकिन सितंबर 2019 में, मूल्यांकन अधिकारी को जांच के दौरान पता चला कि पार्टी ने 14.49 लाख रुपये के नकद दान स्वीकार किए थे, जिनमें से कई दान कानून के तहत प्रति दाता 2,000 रुपये की सीमा से अधिक थे। 2000 रुपये से ज्यादा का दान चेक या बैंक ट्रांसफर जैसे बैंकिंग चैनलों के माध्यम से दिया जाना है। उसी के हिसाब से पूरी राशि पर टैक्स लगाया गया।
कांग्रेस ने कब की थी अपील?
जब कांग्रेस ने छूट मांगी तो आईटी विभाग ने 2021 में दावे को अस्वीकार कर दिया। मार्च 2023 में आयकर आयुक्त (अपील) ने निर्णय को बरकरार रखा। ट्रब्यूनल के पास कांग्रेस ने तब अपील की थी, जब पिछले साल कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया गया था।
NEWS SOURCE Credit :lalluram