BJP new president: पार्टी में बड़ा बदलाव आने वाला है!, भाजपा में पहली बार महिला अध्यक्ष बनने को तैयार

भारतीय जनता पार्टी (BJP) में जल्द ही इतिहास रचने की तैयारी है, क्योंकि पार्टी पहली बार किसी महिला नेता को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बिठाने जा रही है। 2020 से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में जेपी नड्डा की मौजूदगी रही है, जिनका कार्यकाल लोकसभा चुनाव 2024 तक बढ़ा दिया गया था। अब चुनाव संपन्न हो चुके हैं और पार्टी नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया के अंतिम दौर में है। इस बार नेतृत्व में महिला चेहरे को मौका मिलने की चर्चा जोर-शोर से चल रही है, जो भाजपा के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, तीन प्रमुख महिला नेता – निर्मला सीतारमण, दग्गुबती पुरंदेश्वरी और वानति श्रीनिवासन – इस दौड़ में सबसे आगे हैं। वर्तमान वित्त मंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। उनकी राजनीतिक पकड़ खासकर दक्षिण भारत में पार्टी के विस्तार के लिहाज से अहम है। वहीं, आंध्र प्रदेश की पूर्व केंद्रीय मंत्री दग्गुबती पुरंदेश्वरी भी राजनीतिक अनुभव और नेतृत्व कौशल के कारण चर्चा में हैं। तमिलनाडु की विधायक वानति श्रीनिवासन, जो पार्टी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं, इस पद के लिए दावेदारों की सूची में शामिल हैं।
भाजपा की यह पहल महिला मतदाताओं से बढ़ते समर्थन को ध्यान में रखकर की जा रही है। महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में महिला वोटरों का पार्टी के प्रति झुकाव स्पष्ट नजर आया है। 2023 में पारित महिला आरक्षण विधेयक के बाद पार्टी ने महिलाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जाहिर की है। महिला अध्यक्ष का चयन न सिर्फ राजनीतिक रणनीति होगी बल्कि सामाजिक संदेश भी होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी इस विचार को मंजूरी दे दी है, जो इस दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है। भाजपा अब महिला नेतृत्व को अपने आगे के रोडमैप का हिस्सा बनाना चाहती है, जो पार्टी के लिए नए राजनीतिक अवसरों के द्वार खोल सकता है।
भाजपा की स्थापना 1980 में हुई थी और तब से अब तक कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला है। अटल बिहारी वाजपेयी, KLआडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अमित शाह जैसे नाम इसमें शामिल हैं। अब पार्टी के इतिहास में पहली बार किसी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना से राजनीतिक हलकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है।