Rapid24news

Har Khabar Aap Tak

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का क्या होगा? अगले हफ्ते होगी नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा

दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित नोबेल पुरस्कारों की घोषणा अगले सप्ताह कर दी जाएगी। ये पुरस्कार चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य, अर्थशास्त्र और शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए दिए जाते हैं और विश्व के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में गिने जाते हैं। अगले हफ्ते होने वाले विजेताओं के नाम के ऐलान से पहले दुनिया भर की निगाहें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर टिक गई हैं। ट्रंप ने अपनी तरफ से कई देशों के बीच संघर्ष रोकने का दावा करके खुद को नोबेल पुरस्कार पाने का प्रबल दावेदार बताया है।

कई बार नामित होने के बाद भी ट्रंप को नहीं मिला पुरस्कार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2025 के नोबेल पुरस्कार के लिए पाकिस्तान और आर्मीनिया जैसे देशों ने नामित किया है। इससे पहले भी ट्रंप कई बार इस पुरस्कार के लिए नामित किए जा चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक यह पुरस्कार नसीब नहीं हुआ है। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप को 2018 से कई बार नामित किया गया है। दिसंबर में एक रिपब्लिकन सांसद ने उन्हें अब्राहम समझौते की मध्यस्थता के लिए भी प्रस्तावित किया था, जिसने इजरायल और कुछ अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य किया था।

नोबेल पुरस्कारों का क्या है इतिहास

नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत 19वीं सदी के स्वीडन के व्यवसायी और वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल ने की थी। उनके पास 300 से अधिक पेटेंट थे, लेकिन उनकी प्रसिद्धि डायनामाइट के आविष्कार के कारण थी, जिसे उन्होंने नाइट्रोग्लिसरीन को स्थिर यौगिक के साथ मिलाकर बनाया था। यह विस्फोटक खनन, निर्माण और हथियार उद्योगों में लोकप्रिय हुआ और नोबेल को बहुत अमीर बना दिया। अपने जीवन के अंतिम वर्षों में, नोबेल ने अपनी संपत्ति को मानवता के लिए योगदान करने वालों को वार्षिक पुरस्कार देने के लिए निधि के रूप में देने का फैसला किया। पहला नोबेल पुरस्कार 1901 में चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य और शांति के क्षेत्र में दिया गया। 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने अर्थशास्त्र के लिए छठा पुरस्कार शुरू किया, जो तकनीकी रूप से नोबेल पुरस्कार नहीं माना जाता, लेकिन इसे अन्य पुरस्कारों के साथ दिया जाता है।

कैसे होता है नोबेल के लिए नामांकन

नोबेल पुरस्कार की संबंधित समितियां नामांकनों की घोषणा नहीं करतीं और निर्णयों को 50 वर्षों तक गोपनीय रखा जाता है। कोई व्यक्ति खुद को नामांकित नहीं कर सकता, लेकिन अन्य लोग उसे कई बार नामित कर सकते हैं। प्रत्येक पुरस्कार समिति अलग तरीके से काम करती है, लेकिन सभी का उद्देश्य नोबेल की इच्छा का सम्मान करना है, यानी मानवता को सबसे बड़ा लाभ पहुंचाने वाले विजेताओं को चुनना। शांति पुरस्कार समिति पिछले वर्ष की उपलब्धियों को नियमित रूप से पुरस्कृत करती है और यह पुरस्कार नॉर्वे के ओस्लो में दिया जाता है। अन्य विज्ञान पुरस्कार स्टॉकहोम में दिए जाते हैं, जहां विजेताओं को मान्यता मिलने में अक्सर दशकों लग जाते हैं। ताकि सफलता की विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।

इस वर्ष का कार्यक्रम

इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार कार्यक्रम सोमवार से शुरू हो रहे हैं। चिकित्सा पुरस्कार की घोषणा स्टॉकहोम के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट में की जाएगी। इसके बाद भौतिकी (मंगलवार), रसायन विज्ञान (बुधवार), साहित्य (गुरुवार), शांति पुरस्कार (शुक्रवार) और आर्थिक विज्ञान पुरस्कार (13 अक्टूबर) की घोषणाएं होंगी।

घोषणा के बाद कब मिलेंगे पुरस्कार

अक्तूबर माह में विजेताओं के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। इसके बाद ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को प्रदान किए जाएंगे। प्रत्येक पुरस्कार में लगभग 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर) की राशि दी जाती है, साथ ही 18 कैरेट सोने का पदक और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है। प्रत्येक पुरस्कार अधिकतम तीन विजेताओं के बीच साझा किया जा सकता है।

NEWS SOURCE Credit :indiatv

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp