Rapid24news

Har Khabar Aap Tak

परिवार से बात करने की कोर्ट से की थी अपील, मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की याचिका पर सुनवाई आज

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आज मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Rana) की याचिका पर सुनवाई होगी. राणा ने अपने परिवार से बातचीत करने की अनुमति मांगी है. इस मामले की सुनवाई स्पेशल NIA जज चंद्र जीत सिंह करेंगे. कोर्ट ने 24 अप्रैल को तहव्वुर राणा की याचिका को खारिज कर दिया था. राणा के वकील पीयूष सचदेवा ने तर्क दिया था कि एक विदेशी नागरिक के नाते उसे अपने परिवार से बातचीत करने का अधिकार है, और उसके स्वास्थ्य को लेकर परिवार चिंतित है.

हालांकि, NIA ने जांच के संदर्भ में इसका विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप कोर्ट ने याचिका को अस्वीकार कर दिया. राणा, जो 9 जुलाई तक एनआईए की हिरासत में है, 28 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई में 12 दिन के लिए बढ़ा दी गई थी. उल्लेखनीय है कि एनआईए ने 10 अप्रैल को राणा को अमेरिका से भारत लाया था, और उसका प्रत्यर्पण ‘ऑपरेशन राणा’ के तहत किया गया था.

तहव्वुर राणा को अक्टूबर 2009 में शिकागो, अमेरिका में FBI ने गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप था कि उसने मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में हुए आतंकवादी हमलों के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई. 23 अप्रैल को राणा से आठ घंटे तक पूछताछ की गई, जिसमें उसने सवालों के जवाब देने में टालमटोल किया और सहयोग नहीं किया. 26 अप्रैल को अधिकारियों ने बताया कि मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने राणा से दिल्ली स्थित NIA कार्यालय में पूछताछ की.

पहले भी खारिज हुई थी अर्जी

विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने 24 अप्रैल को तहव्वुर राणा के परिवार से बातचीत करने की याचिका को खारिज कर दिया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यदि राणा अपने परिजनों से बातचीत करता है, तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी साझा कर सकता है.

अमेरिका से भारत लाया गया है राणा, लगे हैं गंभीर आरोप

हाल ही में, पाकिस्तान सेना के पूर्व मेडिकल कोर अधिकारी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया है. उन पर 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए भयानक आतंकवादी हमले की साजिश रचने का आरोप है, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे.

तहव्वुर राणा, 64 वर्ष के पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक हैं, जिन्होंने पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में कार्य किया. 1997 में, उन्होंने कनाडा का रुख किया और वहां इमिग्रेशन सेवाओं के क्षेत्र में एक व्यवसायी के रूप में काम करना शुरू किया. इसके बाद, राणा अमेरिका पहुंचे और शिकागो सहित विभिन्न स्थानों पर “फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज” नामक एक कंसल्टेंसी फर्म स्थापित की. अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, राणा ने कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्रा की है और वह लगभग सात भाषाएं बोलने में सक्षम हैं.

NEWS SOURCE Credit :lalluram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp