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रुबियो ने बताया ट्रंप ने क्यों किया ऐसा, ‘भारत से मजबूत रिश्ते फिर भी लगाया टैरिफ’

न्यूयॉर्क: अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपने देश के साथ भारत के रिश्तों पर फिर एक अहम बयान दिया है। रुबियो ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच रिश्ते बहुत मजबूत हैं, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध के चलते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने के लिए भारत पर रूसी तेल खरीदने की खातिर अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। रुबियो ने ‘गुड मॉर्निंग अमेरिका’ शो में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि यह कदम रूस को कमजोर करने के लिए जरूरी था, भले ही भारत हमारा करीबी साझेदार हो। भारत ने हालांकि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को अन्यायपूर्ण और अनुचित करार दिया है।

पुतिन पर सवाल का रुबियो ने दिया गोलमोल जवाब
जब पूछा गया कि ट्रंप ने पुतिन को कई बार कार्रवाई की धमकी दी, लेकिन उन्होंने ध्यान ही नहीं दिया, और यूक्रेन पर हमले तेज कर चुके पुतिन को अभी कितना वक्त दिया जाएगा, रुबियो ने जवाब दिया, ‘मुझे लगता है कि उन्होंने कार्रवाई की है। मिसाल के तौर पर, हमने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए हैं और वे हमारे बहुत करीबी साझेदार हैं। हमने कल ही उनके साथ मीटिंग की थी। यह उनकी रूसी तेल की खरीद से जुड़ा है।’ जब एंकर ने कहा कि ट्रंप ने रूस पर कोई सीधी कार्रवाई नहीं की, तो रुबियो ने सीनेटर लिंडसे ग्राहम के बिल का जिक्र किया, जो ‘रूस से तेल-गैस खरीदने पर भारत और चीन पर टैरिफ’ लगाने के बारे में था।

‘यूरोप के कुछ देश अभी भी रूस से तेल खरीद रहे’

रुबियो ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोप को भी मैदान में उतरने के लिए कहा है। यूरोप के कुछ देश अभी भी रूस से भारी मात्रा में प्राकृतिक गैस और तेल खरीद रहे हैं, जो युद्ध के लिए एक तरह से ईंधन की तरह है। राष्ट्रपति ने हमें निर्देश दिया है, और हमने सुरक्षा गारंटी पर काफी प्रगति की है।’ रुबियो ने बताया कि अलास्का में ट्रंप और पुतिन की बैठक के ठीक बाद यूरोपीय नेता वॉशिंगटन आए थे। उन्होंने कहा, ‘हमने इस संघर्ष के खत्म होने के बाद यूक्रेन के भविष्य के लिए सुरक्षा गारंटी पर काम करने पर सहमति जताई। हमने इसके खाका तैयार करने में जबरदस्त प्रगति की है, और यह किसी भी युद्ध-समाप्ति समझौते के लिए जरूरी होगा।’

सोमवार को हुई थी रुबियो और जयशंकर की मुलाकात

यह बयान ऐसे समय आया जब रुबियो ने सोमवार सुबह UNGA के 80वें सत्र के इतर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। यह मुलाकात पिछले कुछ महीनों में व्यापार, टैरिफ और दिल्ली के रूसी ऊर्जा खरीद पर दोनों देशों के बीच तनाव के बीच हुई। मुलाकात करीब एक घंटे चली। जयशंकर ने मुलाकात के बाद एक्स पर पोस्ट किया, ‘न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्रित रही। प्राथमिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर संवाद की अहमियत पर सहमत हुए। हम संपर्क में रहेंगे।’ अमेरिकी विदेश विभाग ने भी भारत के साथ रिश्ते को बेहद महत्वपूर्ण बताया था।

NEWS SOURCE Credit :indiatv

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