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जान लीजिए सेहत से जुड़ी इस गंभीर समस्या के कारण, किस-किस वजह से हो सकता है PCOS

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम अवेयरनेस के महीने में पीसीओएस के असली कारणों को समझना बेहद जरूरी है। क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, हेल्थ कोच और TEDx स्पीकर डॉ. निधि निगम ने बताया कि हर 5 में से एक महिला पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से प्रभावित है। ये सिर्फ एक हॉर्मोनल समस्या नहीं है, बल्कि एक कॉम्प्लेक्स कंडीशन है जो बॉडी के मेटाबॉलिज्म, रिप्रोडक्टिव हेल्थ और ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करती है। आइए जानते हैं कि पीसीओएस क्यों होता है?

इंसुलिन रेजिस्टेंस

डॉ. निधि निगम ने बताया कि पीसीओएस का प्रमुख कारण इंसुलिन प्रतिरोध है। जब बॉडी सेल्स इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करते, तो पैनक्रियाज ज्यादा इंसुलिन का प्रोडक्शन करता है। हाई इंसुलिन लेवल न केवल ब्लड शुगर बैलेंस को बिगाड़ता है बल्कि ओवरीज को एक्सेस एंड्रोजन (पुरुष हॉर्मोन) का उत्पादन करने के लिए भी प्रेरित करता है।

हॉर्मोनल इंबैलेंस

पीसीओएस में ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन और फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन का रेशियो बिगड़ जाता है। जब ये बैलेंस बिगड़ जाता है, तो एग्स ठीक से रिलीज नहीं हो पाते और ओवरीज में कई सिस्ट जैसे स्ट्रक्चर्स बन जाते हैं। रिसर्च के मुताबिक अगर आपकी मां या फिर बहन को पीसीओएस है, तो आपको पीसीओएस होने का जोखिम भी ज्यादा है। हालांकि, जेनेटिक्स के अलावा लाइफस्टाइल और पर्यावरणीय कारक भी इस समस्या को ट्रिगर करने का काम करते हैं।

मोटापा और लाइफस्टाइल फैक्टर्स

शरीर में ज्यादा चर्बी होने से पीसीओएस के लक्षण और भी बदतर हो जाते हैं। खराब जीवनशैली, अनहेल्दी खान-पान, लगातार तनाव और अनियमित नींद, ये सभी फैक्टर्स पीसीओएस के प्रमुख कारण हो सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में अक्सर हल्की-सी सूजन होती है।

गौर करने वाली बात

डॉ. निधि निगम के मुताबिक पीसीओएस का कोई एक कारण नहीं है। हालांकि, अच्छी खबर ये है कि हेल्दी लाइफस्टाइल, बैलेंस्ड डाइट प्लान, रेगुलर एक्सरसाइज, वेट मैनेजमेंट और स्ट्रेस कंट्रोल से पीसीओएस को प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सकता है और कई मामलों में इसे रिवर्स भी किया जा सकता है।

NEWS SOURCE Credit :indiatv

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