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ब्रिटिश सेना ने 173 जवानों को नौकरी से किया बाहर!, दांतों की खराब हालत ने छीना सैनिकों का सपना

ब्रिटिश सेना से जुड़ी एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। यहां भर्ती के दौरान 173 नए सैनिकों को केवल उनके खराब दांतों और सड़न की समस्या की वजह से सेना से बाहर कर दिया गया। सेना का कहना है कि जो उम्मीदवार अपने दांत और स्वास्थ्य को सही तरीके से नहीं संभाल पाते, वे बड़े सैन्य अभियानों और ऑपरेशनों की जिम्मेदारी भी नहीं निभा सकते।

47 हजार सैनिक चिकित्सा कारणों से अस्वीकृत

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार सालों में करीब 47,000 सैनिकों को मेडिकल आधार पर भर्ती से बाहर किया गया। इनमें से 26,000 को मसूड़ों की बीमारी और दांतों की सड़न का इलाज जरूरी था। एक अध्ययन में पता चला कि हर 1,000 सैनिकों में से 150 को किसी न किसी समय दंत-चिकित्सा की जरूरत पड़ती है। अफगानिस्तान जैसे युद्धक्षेत्रों में तो कई बार हेलीकॉप्टर से सैनिकों को केवल दांतों के इलाज के लिए बड़े बेस तक लाना पड़ा।

दांत की परेशानी ने युद्ध से ज्यादा सैनिकों को बनाया अयोग्य

ब्रिटिश डेंटल एसोसिएशन का कहना है कि अफगानिस्तान और इराक में युद्ध के मुकाबले ज्यादा सैनिक दांत की समस्याओं के कारण अपनी ड्यूटी नहीं कर पाए। रिपोर्ट के अनुसार, सेना में भर्ती होने वाले लोगों को समाज के अन्य वर्गों की तुलना में लगभग दोगुनी दंत समस्याएं होती हैं और इनमें से ज्यादातर गरीब परिवारों से आते हैं।

मानसिक और अन्य बीमारियां भी बड़ी वजह

2020 से 2024 तक के आंकड़े बताते हैं कि लगभग आधे सैनिकों को मानसिक समस्याओं के चलते भर्ती से रोका गया।
इसके अलावा, कई उम्मीदवारों को दिल की बीमारियां, प्रजनन से जुड़ी दिक्कतें और बुखार जैसी वजहों से भी भर्ती से बाहर किया गया।

मुंहासों के कारण भी रिजेक्शन

सिर्फ दांत ही नहीं, बल्कि लगभग 1,800 युवाओं को मुंहासों और त्वचा की समस्याओं की वजह से भी सेना में भर्ती नहीं किया गया।

सेना में जवानों की कमी

फिलहाल ब्रिटिश आर्मी में 71,000 सैनिक हैं, जबकि 2000 के शुरुआती दशक में ये संख्या एक लाख के करीब थी। रक्षा सचिव जॉन हीली ने माना कि इस कमी को पूरा करने में अभी समय लगेगा।

भर्ती का लक्ष्य भी अधूरा

भर्ती प्रक्रिया संभालने वाली कंपनी कैपिटा के अधिकारी रिचर्ड होलरॉयड के अनुसार, सेना की मेडिकल जांच इतनी सख्त है कि अगर इंग्लैंड की रग्बी टीम भी आवेदन करे तो उन्हें भी बाहर कर दिया जाएगा। कैपिटा का लक्ष्य था कि 2023/24 में 9,813 नए सैनिकों की भर्ती की जाए, लेकिन अब तक केवल 5,000 भर्तियां ही हो पाई हैं।

NEWS SOURCE Credit :punjabkesari

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