पर्यायवरण के प्रति जागरूकता पर दिया जोर, अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर ‘प्रकृति तथा सतत विकास के साथ सामंजस्य’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी-2025 के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए. अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा कि प्रकृति के करीब रहने वाला हमेशा स्वस्थ्य रहेगा. 35-40 साल पहले गांव में खाद के गड्ढे होते थे. गांवों में प्रकृति के साथ रहने की परंपरा है. अब पर्यायवरण के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी. अब आधुनिक्ता आने से कुछ चीजें बदल गईं है.
सीएम योग ने आगे कहा कि ऋषि परंपरा में प्रकृति की पूजा होती है. हमें जीवन के चक्र के बारे में सोचना पड़ेगा. उन्होंने आगे कहा कि बायो डाइवर्सिटी का हमारे जीवन में क्या महत्व है ये भारत से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता. जब भी किसी भी सनातन धर्मावलंबी के घर में जब धार्मिक अनुष्ठान होता है तो शांति पाठ होता है. जिसमें सम्पूर्ण जगत के कल्याण की कामना के साथ मांगलिक कार्य शुरू होता है. जो हमारे वैदिक ऋषियों ने हमसे आश्वासन चाहा कि यदि मनुष्य को बने रहना है तो हमें इस जगत के बारे में सोचना पड़ेगा.
योगी ने कहा कि अथर्ववेद में कहा गया है कि धरती हमारी माता है और हम इनके पुत्र हैं. एक पुत्र के नाते हम अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कितना कर पा रहे हैं ये प्रश्न हम सबके सामने है. मैं इस बात को मानता हूं कि जो व्यक्ति जितना प्रकृति के नजदीक रहेगा वो उतना ही स्वस्थ रहेगा. प्रकृति और सतत विकास में सामन्जस्य कैसे बनाएं ये भी देखना होगा.
जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता- योगी
सीएम ने कहा कि हमें एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है. मनुष्य को अपने अस्तिवत्व को बचाना है तो उसे प्रकृति के अस्तित्व के संरक्षण की दिशा में काम करना पड़ेगा. साथ ही पर्यावरण के समन्वित रूप के बारे में भी गहन मंथन करते हुए उसे क्रियान्वित करना पड़ेगा. सामहूकि प्रयास का हिस्सा बनना होगा. जिसमें सरकार भी हो, पर्यावरण विद भी हों, आम लोग भी हों. इसके सार्थक परिणाम सबके सामने आएंगे.
NEWS SOURCE Credit : lalluram