Petrol-Diesel may increase: बढ़ सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें, अमेरिका-रूस तेल विवाद के बीच खतरे की घंटी

अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते तनाव का असर अब वैश्विक ऊर्जा बाजार पर दिखने लगा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्रेंट क्रूड की कीमतें 2025 के अंत तक 80 से 82 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं, जो आम उपभोक्ताओं के लिए पेट्रोल-डीजल महंगा होने का संकेत है।
कमोडिटी एक्सपर्ट्स की राय
वेंचुरा के कमोडिटी प्रमुख एन एस रामास्वामी के मुताबिक, अक्टूबर डिलीवरी वाला ब्रेंट क्रूड पहले ही 72.07 डॉलर से चढ़कर 76 डॉलर तक पहुंच चुका है। उनका कहना है कि अमेरिका अगर रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाता है, तो आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे कीमतों में तेज़ उछाल आएगा।
ट्रंप की डेडलाइन से बढ़ी अनिश्चितता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए 10–12 दिन की डेडलाइन दी है। अगर रूस नहीं झुकता, तो रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर 100% सेकेंडरी टैरिफ लगाया जा सकता है।
भारत के सामने मूल्य नियंत्रण की चुनौती
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने बताया कि अगर रूस की सप्लाई रुकती है, तो कीमतें 100 से 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं। भारत को फिलहाल सप्लाई की नहीं, बल्कि बढ़ती कीमतों की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। तनेजा के अनुसार, “सप्लाई तो संभल जाएगी लेकिन उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ना तय है।”
सप्लाई शॉक और वैश्विक संकट की आशंका
वैश्विक तेल उत्पादन की अतिरिक्त क्षमता सीमित है। अगर रूस जैसे बड़े उत्पादक की सप्लाई बाधित हुई, तो डिमांड-से-अधिक गैप पैदा हो सकता है। हालांकि सऊदी अरब और OPEC+ हस्तक्षेप कर सकते हैं लेकिन इसमें वक्त लग सकता है।
NEWS SOURCE Credit :punjabkesari