गाजा में 59 हजार से ज्यादा फिलीस्तीनियों की मौत, बर्बादी के आंकड़े डराने वाले, इजराइल-हमास जंग ने रचा खूनी इतिहास

गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच जारी भीषण लड़ाई अब भी थमने का नाम नहीं ले रही है। गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि इस संघर्ष में अब तक मरने वाले फिलीस्तीनी नागरिकों की संख्या 59,000 के पार पहुँच गई है। मंत्रालय के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2023 को लड़ाई शुरू होने के बाद से लेकर अब तक 59,029 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1,42,135 लोग घायल हुए हैं । गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस आंकड़े में यह स्पष्ट नहीं किया कि इनमें कितने हमास के लड़ाके हैं और कितने आम नागरिक। लेकिन मंत्रालय का दावा है कि मृतकों में 50% से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं, जिससे इस संघर्ष की मानवीय त्रासदी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
इजराइल ने दावा किया है कि उसका अभियान हमास के आतंकवाद को खत्म करने के लिए है, जबकि हमास और कई फलस्तीनी संगठन इसे अपनी ‘जमीन और अस्तित्व’ की लड़ाई बता रहे हैं। इस लड़ाई ने गाज़ा पट्टी को खंडहर में बदल दिया है। स्कूल, अस्पताल, बिजली-पानी की सप्लाई हर बुनियादी सुविधा या तो नष्ट हो गई है या बेहद सीमित रह गई है। संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि गाज़ा में लगातार बमबारी और घेराबंदी के कारण लाखों लोगों को भोजन, दवाइयों और पीने के पानी जैसी जरूरी चीजों का भीषण अभाव झेलना पड़ रहा है।
हाल ही में यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने कहा कि “गाजा दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय आपदा बनती जा रही है।” उन्होंने सभी पक्षों से तुरंत संघर्ष विराम और मानवीय सहायता पहुंचाने की अपील की। दूसरी तरफ इजराइली सेना का कहना है कि उसने गाज़ा के बड़े हिस्से में हमास के ठिकानों को तबाह कर दिया है और अब वह सीमावर्ती इलाकों में हमास के बचे हुए लड़ाकों को खत्म करने में जुटी है। सेना का यह भी कहना है कि वह नागरिकों को सुरक्षित जगह जाने के लिए लगातार चेतावनी जारी कर रही है। इस बीच युद्धविराम को लेकर कतर और मिस्र की मध्यस्थता भी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। कुछ दिनों पहले इजराइल और हमास के बीच कतर में हुई वार्ता भी बेनतीजा रही। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है कि जब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता, गाज़ा में लोगों की मुश्किलें बढ़ती रहेंगी।
NEWS SOURCE Credit :punjabkesari