जो अमेरिका के साथ ना हुआ वो यहां हो गया, यूरोप से मिली भारत को बड़ी कामयाबी

भारत के लिए यूरोप से एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जिस व्यापार समझौते को अमेरिका से अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका, वो भारत ने यूरोप के चार प्रमुख देशों के साथ कर लिया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को जानकारी दी कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) 1 अक्टूबर, 2025 से लागू हो जाएगा।
क्या है यह समझौता?
भारत और EFTA के बीच 10 मार्च 2024 को व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (TEPA) पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के तहत, EFTA देशों ने भारत में 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। बदले में भारत ने इन देशों से आने वाले कई उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने या पूरी तरह खत्म करने की सहमति दी है।
कौन हैं EFTA के सदस्य देश?
EFTA यानी European Free Trade Association के चार सदस्य देश हैं:
स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, इनमें से स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
भारत को क्या मिलेगा?
- 15 वर्षों में मिलेगा 100 अरब डॉलर का निवेश।
- पहले 10 वर्षों में 50 अरब डॉलर, फिर अगले 5 वर्षों में और 50 अरब डॉलर का निवेश।
- 10 लाख नए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद।
- स्विस घड़ियां, चॉकलेट, बिस्किट, पॉलिश किए गए हीरे और अन्य प्रीमियम उत्पाद अब कम कीमत पर मिल सकेंगे।
भारत क्या देगा?
- भारत, EFTA को 82.7% उत्पाद श्रेणियों (टैरिफ लाइंस) पर शुल्क छूट देगा
- ये छूट EFTA के कुल 95.3% निर्यात को कवर करेगी।
- इनमें से 80% से ज्यादा आयात सिर्फ सोने से संबंधित है।
- घड़ियों, चॉकलेट और हीरों पर 10 साल में धीरे-धीरे शुल्क समाप्त किया जाएगा।
उपभोक्ताओं को क्या फायदा?
घरेलू ग्राहकों को अब स्विट्जरलैंड जैसे देशों के हाई-क्वालिटी उत्पाद जैसे कि: ब्रांडेड घड़ियां, प्रीमियम चॉकलेट, सजावटी बिस्किट, महंगे तराशे हीरे, कम कीमत पर उपलब्ध होंगे।
NEWS SOURCE Credit :punjabkesari